कानपुर रेल दुर्घटनाके मुख्य षड्यन्त्रकर्ता शमशुल होदा नेपालके काठमाण्डूसे बन्दी बनाया गया; परन्तु तब भी सभी धर्मनिरपेक्ष अब भी कहेंगे कि आतंकवादका कोई धर्म नहीं होता । यह दुर्जन और भी रेल दुर्घटनाओंके लिए उत्तरदायी है, यह भी सिद्ध हो चुका है और पाकिस्तानके संकेतपर वह, इन कुकृत्योंको परिणाम देता था; किन्तु इस देशमें अब […]
अन्तरराष्ट्रीय आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीनके ‘आधा दर्जन’ पुत्र–पुत्रियां राज्यकी शासकीय चाकरीमें हैं नियुक्त क्या आपको ज्ञात है कि पृथकवादी हिजबुल मुजाहिद्दीन नेता सैयद सलाहुद्दीन, जिसे कुछ समय पूर्व अन्तरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया गया है, उसके पुत्र और पुत्रियां जम्मू-कश्मीर शासनके कर्मचारी हैं ? इस धर्मान्ध राष्ट्रद्रोही आतंकी नेताके पांच पुत्र और दो पुत्रियां हैं इनमेंसे चार […]
वृत्त प्रकाशित हुआ है कि इस वर्ष ‘जियो फिल्मफेयर पुरस्कार’में चार पाकिस्तानी कलाकारोंको भी नामांकित किया गया है और इसमें नामांकित फवाद खानने भारतके विरुद्ध विषवमन करते हुए कुछ माह पूर्व ही कहा था मेरी प्राथमिकता पाकिस्तान है, मेरे लिए पाकिस्तान पहले है, भारतके लोगोंका हृदय (दिल) बहुत छोटा है, उन लोगोंके लिए पैसा ही […]
बीबीसीद्वारा प्रकाशित वृत्त अनुसार कुछ समय पूर्व इस देशके शासनने (सरकारने) एक प्रश्नके उत्तरमें कहा था कि भारतके १३८७ कारागारोंमें ८२ सहस्रसे (हजारसे) अधिक बन्दी मुसलमान हैं एवं महाराष्ट्रमें प्रत्येक तीन बन्दियोंमेंसे एक बन्दी मुसलमान है । इससे ही समझ सकते हैं कि इस देशके मुसलमान किस दिशामें जा रहे हैं ?
३० जनवरी १९४८ को श्री नाथूरामजी गोडसेने गांधीजीको गोली मारकर उनके प्राण हर लिए थे । तो आइए ! इस हुतात्माके विषयमें जानते हैं; क्योंकि उनके विषयमें हम सबने विद्यालयमें पढा है; परन्तु हमारी निधर्मी शिक्षण व्यवस्था जिसे हिन्दू धर्मविरोधी कहना अधिक उचित होगा, उसमें हमने, उन्हें गांधीजीके हत्यारेके रूपमें पढा है; किन्तु मैंने इस […]
वर्तमान प्रजातन्त्रका यदि विद्रूप स्वरुप देखना हो तो चुनावके समय अवसरवादी सत्तालोलुप नेताओंके कुकृत्योंका अभ्यास करना चाहिए । राष्ट्रहित एवं प्रजाके हितको छोड, वे स्वहित साध्य करने हेतु किसी भी सीमातक गिर सकते हैं । इस स्थितिको परिवर्तित करने हेतु हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना करना अनिवार्य हो गया है । – तनुजा ठाकुर
कहां हमारे यहां राजाको ईश्वरका ही प्रतिनिधि मानकर, समाज एवं विप्रगण भी उनका आदर करते थे और कहां आजके राज्यकर्ताओंको कहीं मषीके (स्याहीके) छीटें तो कहीं टमाटर और कहीं पदत्राण (जूते) फेंककर उनका स्वागत किया जाता है, इससे ही आजके प्रजातन्त्रके जनप्रतिनिधियोंकी पात्रता कितनी गिर चुकी है ?, यह ज्ञात होता है । सत्य है, […]
आजके मूढ राज्यकर्ता यह नहीं समझते हैं कि मुसलमानोंकी तुष्टिकरणकी राजनीति कर, उन्हें अपना प्रत्याशी बनाकर वे अपने लिए स्वयं अन्धा कुंआ खोद रहे हैं । ऐसे ही कुछ राजपूत राजाओंकी स्वार्थी वृत्तिके कारण इस राष्ट्रको तुर्कों, मुगलों एवं अंग्रेजोंने पराधीन कर अनेक शतकोंतक राज्य किया । आजके इन अदूरदर्शी नेताओंको अपनी इस मूर्खताका परिणाम […]
आर्य चाणक्यने कहा है, “राष्ट्रस्य मूल: इन्द्रियनिग्रह:” अर्थात जो अपनी इन्द्रियोंका निग्रह कर लेता है, वही राज्य करनेका खरा अधिकारी होता है, इसके विपरीत आज राज्य वही कर रहा है जो पूर्ण रूपेण विषय-वासनाओंमें लिप्त है । इससे ही समझ सकते हैं कि कालकी दिशा कितनी विपरीत चल रही है । जितेन्द्रिय राज्यकर्ताओंको सत्तारूढ करने […]
इस देशके शासकवर्गको लगता है कि नोटबन्दी कर, वे भारतको भ्रष्टाचारसे मुक्त कर देंगे । वस्तुतः दुर्जनोंद्वारा अपने काले धनको छुपानेका या उसे श्वेत करनेके नित्य नए प्रकार सामने आ रहे हैं और इसमें ‘बैंक’के तथा अन्य प्रशासकीय वर्गके अधिकारी उनका साथ दे रहे हैं । वृत्त प्रकाशित हुआ है कि सार्वजनिक क्षेत्रके विभिन्न कोषागारोंके […]