साधकोंकी अनुभूतियां

इटलीके श्री ब्रिज अरोडाकी अनुभूति


उपासनाके स्थापना दिवस वर्षगांठकी पूर्व सिद्धता हेतु हम कुछ साधक मांके कुछ दिवस पूर्व गोड्डा गए थे उसी जनपदके लुकलुकी ग्रामके कालीके देवालयमें मैं सभीके साथ आरती कर रहा था | उस समय बहुतसे लोगोंके साथ ही मां भी उपस्थित थीं | आधी आरतीके पश्चात् मैने अपने नेत्र बंद किए तो भान हुआ कि परम […]

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अलीगढ, उत्तर प्रदेशकी श्रीमती साधना सिंहकी अनुभूति


१. ‘उपासना’ द्वारा  २२ जुलाई २०१३ को आयोजित देहली गुरुपूर्णिमा महोत्सवमें सहभागी होनेका सौभाग्य मिला । मैं अलीगढमें रहती हूं और मेरे घरकी परिस्थितियां ऐसी थीं कि मुझे लग रहा था कि मैं देहली जा पाउंगी या नहीं; परन्तु तनुजा मांकी कृपा हो गई और मैं देहली पहुंच गई गुरुपूर्णिमावाले दिन मुझे मांके श्रीचरणोंमें पुष्प […]

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प्रयाग, उत्तर प्रदेशकी कुमारी संचिता वर्माकी अनुभूति


ख्रिस्ताब्द २०१५ के मकरसंक्रान्तिके उपलक्ष्यमें वैदिक उपासना पीठके आश्रममें मां दुर्गा और भगवान शिवका सामूहिक जपयज्ञ था । नामजपके मध्य तनुजा मांने जब मेरे हाथोंमें अभिमन्त्रित जल दिया तो उस जलमें दुर्गा मांकी छविकी अनुभूति हुई । उसी दिवस नामजपके पश्चात्, जब अन्य साधक अनुभूति कथन कर रहे थे तो मेरी छोटी बहन सौम्याने अपनी […]

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गोड्डा, झारखण्डकी खुशबू कुमारीकी अनुभूति


१. २२.३.२०१३ को हम सब गंगा स्नानके लिए चौपहिया वाहनमें (जीपमें) जा रहे थे, जाते समय मार्गमें मैं ‘श्री गुरुदेव दत्त’का नामजप कर रही थी । कुछ समय पश्चात् नामजप छोडकर मैंने चित्रपटके गीत गाने आरम्भ कर दिए तभी गाडीसे बहुत अधिक धुआं निकलने लगा तथा गाडी थोडी देरके लिए रोकनी पडी । थोडी दूर जानेके […]

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गाजियाबाद, उत्तर प्रदेशके श्री. महेन्द्र शर्माकी अनुभूतियां


१. मांके आगमन एवं सत्संगके पश्चात् घरमें चीटोंका निकलना हुआ बन्द १८ अप्रैल २०१३ को प्रातःकाल मैं नित्यकर्मके लिए अपने घरमें स्थिति शौचालय गया तो मुझे शौचालयमें दो-चार चींटे दिखाए दिए; मैं यह सोचकर भीतर चला गया कि दो-चार ही तो है; परन्तु आश्चर्यकी बात यह है कि दो-तीन मिनटके भीतर ही वहां सैकडों चींटे […]

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जयपुर, राजस्थानके श्री मनीष शर्माकी अनुभूति


सात्त्विक दिनचर्याके पालनसे हुआ अत्यधिक परिवर्तन जबसे हमारे यहां वैदिक उपासना पीठका प्रथम सत्संग हुआ है, हमारे घरमें बहुतसे परिवर्तन हुए हैं, जैसे पूजा नियमित होने लगी है, सात्त्विक दिनचर्याका पालन होने लगा है, मुझे पहलेसे अधिक सात्त्विकताकी अनुभूति होने लगी है, इसके अतिरिक्त कुछ मात्रामें आर्थिक सुधार भी आरम्भ हुआ है और कुछ होनेकी […]

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गुरुग्राम, हरियाणाके श्री मयंक गुप्ताकी अनुभूति


जब घरसे ‘छू-मंतर’ (लुप्त) हो गए मच्छर फरवरी २०१५ में मेरे घर मां तनुजा ठाकुरका सत्संग हुआ । उन्होंने प्रवचनके मध्य हमें घरकी वास्तु शुद्धिके उपाय बताए । जिनमेंसे मेरी धर्मपत्नीने कुछ उपाय नियमित रूपसे करने आरम्भ किए जो निम्नलिखित हैं – १) प्रातः और संध्या समय सनातन संस्था निर्मित उदबत्ती जलाना । २) प्रातः […]

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एक साधककी अनुभूति


सवेरेके समय बेटेको नींदमें ऐसा लगा जैसे किसी शक्तिने शरीरको जकड रखा है, और वह स्वयं दूसरे कक्षमें टहल रहा है ।वह शक्ति उसे नींदसे उठने नहीं दे रही है, ‘ॐ नमः शिवाय’का जप करनेपर भी कुछ नहीं हुआ तो उसने ‘ॐश्री गुरुदेव दत्त’का जप आरम्भ किया, धीरे-धीरे वह पकड ढीली हो गई और उसे […]

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देहलीके चैतन्य देवकी अनुभूतियां


१. मांका स्वप्नमें आकर आनेवाले कष्टका समाधान बताना ३ दिवस पूर्व तनुजा मां मेरे स्वपनमें आईं । वे एक खुले मैदानमें सत्संग ले रही थीं । वहां मैं पहुंचा और उनके ठीक सामने खडा हो गया । वो बोलीं, “ चैतन्य ! ये पेटका क्या किया है, आपकी तो नाभि खिसकी हुई है, योग करो […]

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देहलीके श्री सुरेश रावतकी अनुभूतियां


१. नामजपके पश्चात सूक्ष्म लिंगदेहका घरसे बाहर जानेकी अनुभूति होना नवंबर २०१७ में हम लोग बच्चोंकी नानीसे मिलने उत्तराखण्ड गए थे, वहां घरकी छतपर और खिडकियोंपर रात्रिमें प्रतिदिन ठक-ठककी ध्वनि सुनाई देती थी । हमने वहांपर प्रत्येक कक्षमें सनातन संस्था निर्मित नामजपकी पट्टियां लगा दी और उद्बत्ती जलाकर कर माला लेकर नामजप किया । उसी […]

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