वर्तमान कालमें भारतीयोंकी मानसिकता इतनी निकृष्ट हो चुकी है कि इस राष्ट्रीय आपदाके घोर संकटकालमें भी अनेक लोग अपनी स्वार्थसिद्धिमें लगे हुए हैं । कहीं पुलिस व्यापरियोंके भण्डार (दूकान) खोलनेपर उत्कोच (घूस) मांग रही है, तो कहीं लोग ‘मास्क’की ‘कालाबाजारी’ कर रहे हैं तो कहीं छद्म (नकली) किटाणुनाशक (sanitiser) बनाकर उसे बेचा जा रहा है […]
वर्तमान समयमें अधिकतर लोगोंके पास अति व्यस्त दिनचर्या होनेके कारण वे अपने घरको समय नहीं दे पाते हैं । मैंने पाया है कि अधिकांश लोगोंके घर मात्र बाहरसे व्यवस्थित होते हैं, कपाटिका खोलते ही उसके अव्यवस्थित होनेका प्रमाण मिल जाता है …..
उपासनाके गुरुकुलमें सभी बच्चोंमें, बाल्यकालसे ही सेवाभावकी वृत्ति निर्माण करने हेतु, गुरुकुलकी भिन्न सेवाओंमें सहभागी किया जाएगा । आजकी पीढी स्वार्थीऔर अहंकारी होनेके साथ ही बहुत ही आलसी है …..
इच्छा तो मेरी यह भी है कि छोटे स्तरपर ही सही किन्तु उपासनाका गुरुकुल हमारे आश्रम परिसरमें भी आरम्भ हो; क्योंकि आज जो स्थिति है वह अगले तीन-चार वर्ष भिन्न-भिन्न कारणोंसे बनी रहेगी ही …..
उपासनाके गुरुकुलमें चूंकि बाल्याकालसे ही सभीक साधना सिखाई जाएगी; इसलिए यहांके विद्यार्थियोंकी वृत्ति अंतर्मुखी होने लगेगी ऐसेमें उन्हें सूक्ष्म सम्बन्धी ज्ञान भी सिखाना सहज होगा ! उपासनाके गुरुकुलके …..
गुरुकुलका अर्थ ही है, जहां गुरु शिष्य परम्पराका पोषण हो । गुरुकृपायोग साधनाद्वारा ही गुरु शिष्य परम्पराका पोषण सम्भव है अर्थात गुरु शिष्यको योग्य साधना बताकर उसे योग्य दिशा देते हैं और शिष्य गुरुकी कृपा पाने……
जैसे उपासनाके गुरुकुलमें संस्कृत भाषा सीखना अनिवार्य होगा, वैसे ही दोष निर्मूलन एवं अहं निर्मूलनका पाठ्यक्रम भी अनिवार्य होगा ! कलियुगमें दोष और अहम् अधिक होनेके कारण …..
उपासनाके गुरुकुलमें बाल्यकालसे ही विद्यार्थियोंको साधना सिखाई जाएगी फलस्वरूप उनके बहुमुखी व्यक्तित्वका विकास होगा ! साधनामें दो भाग होंगे, एक व्यष्टि साधना और दूसरा समष्टि साधना ! पिछले दो सहस्र वर्षोंसे आसुरी पंथोंके प्रसार एवं कुकृत्योंसे…..
उपासनाके गुरुकुलमें प्राथमिक स्तरकी शिक्षासे लेकर विश्वविद्यालयीन शिक्षातक यदि कोई विषय अनिवार्य होगा तो वह है संस्कृत भाषा एवं उसका व्याकरण ! आपको तो ज्ञात ही होगा कि संस्कृतका व्याकरण एक महासागर है……
उपासनाके गुरुकुलमें बच्चोंके प्रवेशकी आयु आठ वर्ष होगी एवं सभी विद्यार्थीको बारह वर्ष गुरुकुलमें रहना अनिवार्य होगा | यद्यपि यह बंधन नहीं होगा इसलिए यदि विद्यार्थी अपनी शिक्षा मध्यमें छोडकर जाना चाहते हैं तो भी जा सकते हैं किन्तु सामान्यत: १२ वर्षतक रहना अनिवार्य होगा | इस गुरुकुलके विद्यार्थीको धर्म अधिष्ठित गृहस्थ जीवन व्यतीत करनेकी […]