इच्छाओंपर विजय कैसे प्राप्त करें ?


१. हमारा यह मनुष्य जीवन इच्छाओंकी तृप्ति हेतु नहीं, अपितु साधनाकर इच्छाओंपर विजय पाने हेतु है, यह मनको बार–बार सूचित करें !
२. ‘सन्तोषम् परम सुखं’ इस सिद्धान्त अनुसार ईश्वरने जितना दिया वह पर्याप्त है, यह सोच जीवन यापन करें !
३. जब-जब नई-नई इच्छाओंका जन्म हो और उनकी पूर्ति हेतु मनमें विचार आएं, अपनेसे नीचेवाले श्रेणीके व्यक्तियोंको देखें और चिन्तन करें कि वे उन इच्छाओंके पूर्तिके बिना कैसे जीवन यापन कर रहे हैं ?
४. साधना करें, इससे आपके मनमें नए-नए संस्कारोंका जन्म नहीं होगा और प्रत्येक परिस्थितिमें आपको योग्य आध्यात्मिक दृष्टिकोण प्राप्त होनेके कारण इच्छाओंको नियन्त्रित करनेमें सहायता होगी ।
५. एक इच्छाके पूर्ण होनेपर दूसरी इच्छा स्वतः ही उभर कर आ जाती है, मनका यही कार्य है; अतः मनको नियन्त्रित करने हेतु स्वयंसूचना दें !
६. भोगमें नहीं; अपितु त्यागमें आनन्द समाहित है, यह विषय मनको बार-बार बताएं !
७. ईश्वरके नामका अखण्ड जप करें, इससे सहज ही मन नियन्त्रित होने लगता और इच्छाओंकी जननी ‘मन’, मनोलयकी ओर बढने लगता है  – तनुजा ठाकुर

 



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution