स्थापना दिवसके द्वितीय वर्षगांठके मध्य हुई अनुभूतियां : यह चित्र 4 जनवरी को संध्या साढ़े पाँच बजे ली गयी है , देखें सभी साधक बिना ऊनी कपड़े के आनंदपूर्वक खड़े हैं पौष कृष्ण षष्टि एवं पौष कृष्ण सप्तमी को स्थापना दिवस समारोह नियोजित था | जब मैं 23 दिसम्बर को अपने गाँव (जिला गोड्डा, झारखंड […]
इंदौरके श्री शीतल भदोरियाकी अनुभूतियां : १. जब मैं इंदौरसे गुरुपूर्णिमाके लिए ट्रेन पकडने के लिए बसमें बैठा तो बसमें ही इतनी देर हो गयी कि लगा कि मेरी ट्रेन छूट जाएगी | किसी प्रकार ट्रेन मिल गयी | आरक्षण निश्चित नहीं हुआ था अतः मैं एक खाली सीटपर बैठ गया वहां पर कोई आया […]
विगत कई पूर्णिमा व अमावस्याके तीन चार दिवस आगे पीछे मेरा मन बहुत अशांत रहता था, अकारण ही पति या किसी से विवाद हो जाता था, बहुत क्रोध आता था, प्रार्थना नहीं हो पाती थी और इस कारण कुछ समय पश्चात् मनमें अत्यधिक पश्चाताप होता था । इसके अतिरिक्त मुझे सम्पूर्ण दिवसमें तीन-चार बार निद्राको […]
सेवाके स्थानमें हुए परिवर्तनके कारण गुरुपूर्णिमाकी सेवामें उपस्थित रह पाना ! इस बार गुरुपूर्णिमा २०१४ के लिए मैं अपेक्षित सेवा नहीं कर पाया था परन्तु तब भी जब गुरुपूर्णिमासे पूर्व नियोजन हेतु पूज्या तनुजामांने एक बैठक रखी थी और उसमें उन्होंने बताया कि इस बार गाजियबादमें गुरुपूजनके लिए हमारा( मैं और मेरी धर्मपत्नीका) चयन हुआ […]
आप सबसे एक अनुभूति साझा करना चाहता हूं | मैं प्रथम बार दीदीसे दिल्लीमें दिसम्बर 2011 में मिला था। उनसे भेंटसे पहले फेसबुकके माध्यमसे उनकी मित्र सूचीमें तो था ही; परन्तु उनके विषयमें अधिक कुछ नहीं पता था। लगभग एक वर्ष पूर्व 24 दिसम्बर शनिवार का दिन था । मैंने दीदीसे भ्रमन्ध्वनिके लघु संदेशके माध्यमसे […]
आज एक साधकने कहा कि ध्यान करते समय उन्होंने मुझे व्हील चेयरपर देखा और इससे वे अत्यधिक विचलित हो गए | मैं आजकल विदेश जाते समय या जो हवाई अड्डेपर अत्यधिक बडा हो वहां व्हील चेयर लेती हूं क्योंकि इससे मुझे थोडा कम कष्ट होता है | हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन इत्यादि जैसे स्थान रज-तम […]
अनुभूति क्या होती है ? जब कोई साधक साधना पथपर अग्रसर होने लगता है, तो ईश्वर उसे अनुभूति देते हैं और अनुभूतिके सहारे साधक, साधना पथपर और अधिक उत्साहसे आगे बढने लगता है | अनुभूति मन एवं बुद्धिसे परे, हमारी सूक्ष्म ज्ञानेन्द्रियोंके माध्यमसे हमारी जीवात्माको होती है, उसका मन एवं बुद्धिके स्तरपर विश्लेषण करना कठिन […]
१. जबसे तनुजा दीदीके साथ फेसबुकपर जुडी हूं मेरे जीवनमें अत्यधिक परिवर्तन आया है | मैं अपनी कुछ अनुभूतियां सभीके साथ साझा करना चाहती हूं | -प्रिया जब भी मैं कुछ जानना चाहती हूं अगले दिन उस प्रश्नका उत्तर फेसबुकमें दीदीके लेखके माध्यमसे मिल जाता है | अनुभूतिका विश्लेषण : यदि किसी जिज्ञासु या साधकको […]
मैं फेसबुकपर ‘पूज्या तनुजा मां’से एक मित्रके माध्यमसे जुडा जब मैंने मांकी एक दृष्टिकोणको अपने मित्रके किसी लेखपर पढा | जब मैंने मांके चित्रको देखा तो उनकी चेहरेसे प्रक्षेपित होनेवाली पवित्रता और तेजस्वितासे स्वतः आकृष्ट हो गया | उसके पश्चात जब मां कर्णावती (अहमदाबाद ) जाने वाली थीं तब मेरी उनसे बातचीत हुई जिससे कि […]
गोड्डाके साधिका कुमारी महरानी झाकी अनुभूतियां १. दिनांक ३०.४.२०१० के दिन मैं अपने ननिहाल अर्थात तनुजदीदीके गांवमें थी | अचानक मेरे कानमें वेदना होने लगा और अगले दिन सिरमें वेदनाके साथ-साथ ज्वर भी आ गयाऔर अत्यधिक घबराहट होने लगी और वेदना भी असह्य हो गया, तब मैंने एक साधकको तनुजा दीदीको बुलाने भेजा | […]