कुछ दिवस पूर्व मैं आश्रमके निर्माण कार्यसे सम्बन्धित कुछ वस्तु क्रय करने इंदौर गई थी । हमें एक ऐसे स्थानपर जाना था जहां मैं चार-पांच बार पहले भी जा चुकी थी । हमने एक कार्यकर्तासे पूछा कि हम अमुक-अमुक स्थानपर इंदौरमें हैं तो क्या बताएंगे कि हम वहां किस मार्गसे जाएं ? तो वे प्रतिक्रिया […]
सूक्ष्म जगत साधकके देहमें देवीके प्रकटीकरणका भ्रमका टूटना उपासनाकी एक साधिका पिछले कुछ माहसे बहुत उत्कण्ठासे व्यष्टि व समष्टि साधना कर रही है । आपातकालको ध्यानमें रखते हुए हमारी संस्थाकी ओरसे ‘ऑनलाइन’ सत्संग एवं सामूहिक नामजप आरम्भ किया गया है । प्रायः एक माह नियमित सामूहिक नामजपमें सम्मिलित होनेपर पितृपक्षमें एक दिवस अकस्मात सामूहिक नामजपके […]
जब भी कोई अनुष्ठान होता है तो ईश्वर मुझे निश्चित ही कोई विशिष्ट अनुभूति देते हैं, जो मैं समाजके साथ भी साझा कर सकती हूं । इस बार (२०२०के आश्विन माहमें) वैदिक उपासना पीठके देश-विदेशके साधकोंने व्यष्टि एवं ‘ऑनलाइन’ सामूहिक स्तरपर नवरात्रमें हिन्दू राष्ट्रके स्थापनाके निमित्त दस लाख ‘श्री राम जय राम जय जय […]
लोगोंमें किन-किन बातोंको लेकर अहं हो सकता है, इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं । कुछ समय पूर्व एक तथाकथित समाजसेवक हमारे आश्रममें पधारे थे । वे हमारे एक कार्यकर्ताके परिचित थे । उन्होंने बातों ही बातोंमें बताया कि वे लोगोंके दुःख दूर करते हैं । उनके पास सब दुखी लोग आते हैं […]
पितरोंके सद्गति हेतु ‘ऑनलाइन’ सामूहिक जपको यश मिल रहा है । भारतके अतिरिक्त पांच और देशमें रह रहे प्रवासी हिन्दू इसका लाभ उठा रहे हैं । अब यह कैसे हो सकता है कि जिन पितरोंने कुपित होकर अपने वंशजोंके जीवनमें अनेक अडचनें निर्माण की हों, उन्हें सद्गति देने हेतु हम समष्टि प्रयास करें और हमें […]
नवम्बर २०१८ से जब हमने इंदौरके मानपुर ग्राममें उपासनाके आश्रमका निर्माण कार्य आरम्भ किया और इस क्रममें हम इंदौर महानगरसे, जहां हम कुछ समयके लिए भाडेपर एक घर लेकर रह रहे थे, वहांसे निर्माण कार्यके निरीक्षण हेतु जब भी इंदौरसे आगरा-मुम्बई राजमार्गसे मानपुर आते या पुनः लौटते तो प्रत्येक बार, एक वर्षतक, हमें उस मार्गमें […]
कलसे अग्निहोत्र करने हेतु लोगोंके मार्गदर्शन हेतु सर्व पूर्वसिद्धता आरम्भ की है और मध्याह्न आते-आते मेरे मुखपर कई स्थानोंपर बडे-बडे लाल चकत्ते दिखाई देने लगे हैं और संध्या समय होते-होते वे लाल-लाल दानेमें परिवर्तित हो गए ……
पिछले वर्ष सितम्बर माहमें हमने सोचा कि अप्रैल माहमें हम इंदौर नगरसे मानपुरके निर्माणाधीन आश्रममें स्थानान्त्तरित होंगे ! क्योंकि स्वास्थ्यकी स्थिति तो अपंगों जैसी ही हैं ! इसलिए सोचा कि लेखन इत्यादि भी रहता है; अतः सब धीरे-धीरे व्यवस्थित होने देते हैं ! किन्तु तभी दिसंबरके प्रथम सप्ताहमें ऐसे विचार आने लगे कि […]
ऐसे श्राद्ध कर्ममें तृप्त एवं अतृप्त दोनों ही पितर आते हैं इसलिए आश्रम परिसरका वातावरणमें नकारात्मकता आ गयी थी जिसे हमने उस यन्त्रके प्रयोगसे दिखाया और जैसे ही ब्राह्मण सर्व पितृ कर्म करवाकर भोजन कर चले गए तो वातावरणका परिसर पुनः….
ऐसे शिशुओंमें भिन्न प्रकारके मानसिक विकार एवं असाध्य रोग अल्पायुसे होने लगते हैं; किन्तु…