संस्कार, संस्कृति एवं भाषा

सदैव ही अच्छी संगतमें रहनेका प्रयास करना चाहिए !


संगतिका प्रभाव पडता ही है; इसलिए सदैव ही अच्छी संगतमें रहनेका प्रयास करना चाहिए । अच्छी संगति हमें हमारी वृत्ति अनुरूप मिलती है । जैसे मद्यपिको मद्यपि, चोरको चोर और साधुको साधु स्वतः ही मिल जाता है । हमारी वृत्ति हमारे नित्यके आचरणसे बनती है; इसलिए आचरणको सात्त्विक रखना चाहिए एवं यदि कभी अयोग्य संगतिमें […]

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आजके हिन्दुओंकी वृत्ति !


हमने ‘दैनिक’ आरम्भ किया है; क्योंकि अब अन्तर्जालकी सहज उपलब्धता अधिक समय नहीं रहेगी । कालानुसार यह सब समाजसे लुप्त हो जाएगा; अतः हमने सोचा कि जितना समय शेष है, उसमें अधिकसे अधिक लोगोंको राष्ट्ररक्षण और धर्मशिक्षण देने हेतु प्रयास करना चाहिए ……

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कथावाचकोंने त्वरित ही अपनी चूकोंको स्वीकार कर कठोर प्रायश्चित लेना चाहिए !


अब तक लोग भ्रष्ट नेताओंपर या धर्मद्रोही कलाकारोंपर मसि (स्याही), पादत्राण (जूते-चप्पल), टमाटर और अण्डे फेंकते थे अब लोगोंने कथावाचकोंकी भी धुनाई आरम्भ कर दी है । वस्तुत: व्यासपीठको कलंकित करनेवाले कथावाचकोंने त्वरित ही अपनी चूकोंको स्वीकार कर कठोर प्रायश्चित लेना चाहिए एवं सर्वप्रथम कथा बांचना बन्द कर देना चाहिए; क्योंकि व्यासपीठसे इस्लामका प्रचार-प्रसारकर, उन्होंने […]

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वैदिक उपासना पीठके वानप्रस्थ प्रकल्पकी विशेषताएं (भाग-६) / उपासनाका वानप्रस्थ प्रकल्प वृद्धाश्रमसे भिन्न कैसे होगा ? (भाग-१)


उपासनाका वानप्रस्थ प्रकल्प वृद्धाश्रम नहीं होगा; क्योंकि यहां लोग विवश होकर नहीं आएंगे; अपितु वे लोग यहां स्वेच्छासे आएंगे जिन्हें  लगेगा कि अब हमें अपने सांसारिक  उत्तरदायित्वमें न  …..

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वैदिक उपासना पीठके वानप्रस्थ प्रकल्पकी विशेषताएं (भाग-७) / उपासनाका वानप्रस्थ प्रकल्प वृद्धाश्रमसे भिन्न कैसे होगा ? (भाग-२)


   सामान्यत: वृद्धाश्रममें कोई दिनचर्याका विशेष पालन नहीं किया जाता है, वहीं वानप्रस्थ प्रकल्पमें सदस्योंकी शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता अनुसार उनकी दिनचर्याका ……

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वैदिक उपासना पीठके वानप्रस्थ प्रकल्पकी विशेषताएं (भाग-५)


आजकल लोगोंमें वाचनकी (पढनेकी) वृत्ति बहुत ही घट चुकी है, इस बातको कोई भी अस्वीकार नहीं कर सकता है ! अब मात्र लोग धन अर्जित करने हेतु पढते हैं । एक बार चाकरी मिल गई या व्यापार चल गया तो उसके पश्चात पुस्तकको हाथ नहीं लगाते …..

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वैदिक उपासना पीठका वानप्रस्थ प्रकल्पकी विशेषताएं (भाग-४)


वर्तमान कालमें अनेक लोग धन अधिक अर्जित करनेके उद्देश्यसे अपनी उपजीविकाका चुनाव करते हैं । ऐसा हो सकता है कि वे कभी-कभी अपने माता-पिताके दबावमें आकर अपने मनके विरुद्ध उपजीविकाका चुनाव करने हेतु बाध्य होते हैं  ……

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वैदिक उपासना पीठके वानप्रस्थ प्रकल्पकी विशेषताएं (भाग-३)


इस उपक्रममें रहनेके अधिकारी कौन होंगे ?
 इस उपक्रममें सहभागी होने हेतु इच्छुक व्यक्तिकी आयु ४० वर्षसे अधिक होनी चाहिए । यह प्रकल्प दम्पति, विधवा, विधुर या अविवाहितोंके लिए विशेष रूपसे है ……

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वैदिक उपासना पीठके वानप्रस्थ प्रकल्पकी विशेषताएं (भाग- २)


वर्तमान कालमें ६० वर्षकी आयु आते-आते अनेक लोग भिन्न प्रकारके रोगोंसे ग्रस्त हो जाते हैं । ऊपरसे घरका वास्तु भी अशुद्ध रहता है; इसलिए वर्तमानकालमें वृद्धावस्थासे पूर्वकी जो अवस्था है, जिसमें व्यक्तिको स्वस्थ होना चाहिए, उसमें वे अस्वस्थ …..

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वैदिक उपासना पीठका वानप्रस्थ प्रकल्पकी विशेषताएं (भाग-१)


उपासनाद्वारा शीघ्र आरम्भ होनेवाले वानप्रस्थ प्रकल्पमें सहभागी होकर अपने जीवनके उत्तरार्धको सार्थक करें ! इस प्रकल्पमें आपको क्यों सहभागी होना चाहिए ?, इसके विषयमें आपको ज्ञात हो एवं अन्य आश्रम भी ऐसे प्रकल्प आरम्भ करें, इस उद्देश्यसे यह …

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